जानिये शनि की साढ़े साती का प्रभाव व उपाय

जानिये शनि की साढ़े साती का प्रभाव व उपाय

वैदिक ज्योतिष के अनुसार साढ़े साती, शनि ग्रह की साढ़े सात साल तक चलने वाली एक तरह की ग्रह दशा है। खगोलशास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सौरमंडल में मौजूद सभी ग्रह एक राशि से दूसरे राशि में घूमते रहते हैं। शनि ग्रह एक से दूसरी राशि तक गोचर करने में ढाई वर्ष का समय लेता है। गोचर करते हुए शनि ग्रह किसी व्यक्ति की जन्म राशि या नाम की राशि में स्थित होता है, उस राशि, उससे अगली राशि और बारहवीं स्थान वाली राशि पर साढ़े साती का प्रभाव होता है। तीन राशियों से होकर गुजरने में इसे सात वर्ष और छः महीने मतलब साढ़े सात वर्ष का समय लगता है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार इसे ही शनि की साढ़े साती के नाम से जाना जाता है।

 

पुराणों के अनुसार शनि न्याय के देवता है। माना जाता है कि हर राशि पर शनि का प्रभाव लगभग साढ़े सात साल तक रहता है। 2019  में वृश्चिक, मकर और धनु राशि पर शनि का प्रभाव रहेगा। मतलब ये तीन राशियां महत्वपूर्ण रूप से शनि की साढ़े साती से ग्रसित रहेगी। यह प्रभाव जनवरी २०२० तक रहेगा। इसके अलावा कुछ और राशियों पर भी शनि का प्रभाव रहता है। जनवरी २०२० से शनि की साढ़े साती वृश्चिक राशि पर समाप्त हो जायेगी और कुम्भ राशि पर शुरू हो जायेगी।

 

लोगों में शनि को लेकर अनेक मान्यताएं हैं। कई लोगों का मानना है कि जातक के जीवन में मुश्किलें और विघ्नों को लाने का काम शनि करता है। लेकिन, यह मान्यता गलत है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि के शुभ होने पर वह जातकों को शुभ फल दिलाने के अलावा मोक्ष के मार्ग पर भी अग्रसर करता है।

 

हम सबके जीवन में साढ़े साती का समय औसतन तीन बार आता है। हमें यहाँ सन्देश (मैसेज) भेजकर  जानिये कब है आपकी साढ़े साती।

 

शनि के इन उपायों को करने से मिलेगी शांति

  1. शनि मंत्र का नियमित रूप से जप करें। पाठ करते समय हमेशा उत्तर दिशा की तरफ बैठें। ये मंत्र हैं-
    • ॐ शं शनैश्चराय नमः
    • नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।। 
    • हर शनिवार को *ॐ हं हनुमते नमः * की माला का जप करिये।
  2. संपूर्ण आस्था और श्रद्धा के साथ शनि चालीसा का पाठ करें। शनि यंत्र की पूजा करने से शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है।
  3. हर शनिवार को शनिदेव के मंदिर में जाकर तिल और सरसों का तेल चढ़ाएं।
  4. अपने दाहिने हाथ की मध्य उँगली में लोहे की अंगूठी पहनें, ध्यान रहे कि यह अंगूठी घोड़े की नाल से बनी होनी चाहिए।
  5. संध्याकाल के बाद और रात में सोने से पहले उत्तर दिशा की ओर मुख करके हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनिदेव के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है।
  6. प्रत्येक शनिवार को उड़द की दाल भोजन में लीजिए और एक समय उपवास करें। काले तिल के लड्डू बनाकर गाय या छोटे बालकों को खिलाएं।
  7. कौवे को अनाज और बीज खिलाएं। काली चींटियों को शहद और चीनी खिलाएं।
  8. हर शनिवार को उड़द की दाल, काला कपड़ा अथवा काला चादर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान में देने से शनिदेव खुश होते हैं।  कला चना, सरसों का तेल, लोहे का सामान, काले कपड़े, कंबल, भैंस, धन आदि जैसी चीज़ों का दान किया जाना चाहिए।
  9. शनिवार को पवनपुत्र हनुमानजी को तेल-सिंदूर चढ़ाकर शनिदेव की आराधना करें। कुपित शनि को शांत करने के लिए सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करना फलदायी होता है।
  10. महा मृत्युंजय मंत्र को पढ़ते हुए भगवान शिव की पूजा करें।

 

 

यहाँ दिये गये उपायों में से आप जितने भी कर सके, श्रद्धा से, उतनी आपको शनि देव की कृपा मिलेगी। शनि की साढ़े साती के दौरान यदि इन उपायों को पूरी आस्था व विश्वास के साथ किया जाए तो शनिदेव अवश्य ही प्रसन्न होकर वक्त की मार झेल रहे व्यक्ति को मुसीबतों से बाहर लाते हैं। शनिदेव दयालु हैं और अपने भक्तों की सभी दुःखों से रक्षा करते हैं। जिन जातकों के जीवन में इस समय शनि की साढ़े साती चल रही हो, यदि वे  सुझाए गये सभी उपायों को अपनाएंगे तो निश्चित रूप से शनि के अनिष्टकारी प्रभाव से बचे रहकर राहत का अनुभव करेंगे।

 

 

साढ़े साती एक ऐसी अवधि है जो मन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। आइए देखें कि साढ़े साती के दौरान हमें किन बातों का ध्यान रखना चाहिए: –

 

  1. हमें किसी भी जोखिम से भरे कार्य को करने से बचना चाहिए।
  2. साढ़े साती के दौरान हमें घर पर या कार्य स्थल पर किसी भी तरह के तर्क-वितर्क से बचना चाहिए।
  3. ड्राइविंग करते समय हमें सतर्क रहना चाहिए।
  4. हमें रात्रि के समय अकेले यात्रा करने से बचना चाहिए।
  5. हमें किसी भी औपचारिक या कानूनी समझौते में फंसने से बचना चाहिए।
  6. हमें शनिवार और मंगलवार को शराब बिलकुल नहीं पीनी चाहिए।
  7. हमें शनिवार और मंगलवार को काले कपड़े या चमड़े के सामान खरीदने से बचना चाहिए।
  8. हमें किसी भी तरह के अवैध या गलत चीज़ों में भाग लेने से बचना चाहिए।

साढ़े साती मानव जाति के लिए हमेशा से ही भय और उत्सुकता भरा विषय रहा है। शनि साढ़े साती लोगों को अच्छे और बुरे दोनों तरह के समयों का अनुभव कराती है। शनि मूल रूप से आपके धैर्य की परीक्षा लेते हुए आपको आपके कर्मों का फल देता है। अतः हम शनि को एक “न्यायधीश” की तरह मान सकते हैं जो हमे हमारे कर्मों के अनुसार फल देता है। 

 

शनि देव की कृपा आप पर सदैव बनी रहे।